चिंतन चरित्र है अशुद्ध, पुष्पित बस व्यवहार .
मुंह पर लल्लो चप्पो, पीछे घातक वार..
निज को नहीं जीत सके, दुहरा ब्यक्तित्व.
काम क्रोध लोभ मोह, मद विकार अस्तित्व..
अध्यात्म बिन अपूर्ण है, दुनिया भर प्रबंधन.
निज जीवन अव्यवस्थित, नशे का अवलंबन..
सफलता का पैमाना, भी है बड़ी अजीब.
दूजे का गला काटना, इस राह में ठीक !..
विष घुली मीठी बोली, करती महीन मार.
बन्दा सुन न पाए, अन्दर का चीत्कार..
मौका तलाश में फिरे, ज्यों घायल शेर.
दिन रात षडयंत्र में, दहशत की अंधेर..
कुचक्र में जीवन बीती, सफलता चाह अडिग.
शीशा बाज चोंच तोडी, व्यक्तित्व संदिग्ध..
मुंह पर लल्लो चप्पो, पीछे घातक वार..
निज को नहीं जीत सके, दुहरा ब्यक्तित्व.
काम क्रोध लोभ मोह, मद विकार अस्तित्व..
अध्यात्म बिन अपूर्ण है, दुनिया भर प्रबंधन.
निज जीवन अव्यवस्थित, नशे का अवलंबन..
सफलता का पैमाना, भी है बड़ी अजीब.
दूजे का गला काटना, इस राह में ठीक !..
विष घुली मीठी बोली, करती महीन मार.
बन्दा सुन न पाए, अन्दर का चीत्कार..
मौका तलाश में फिरे, ज्यों घायल शेर.
दिन रात षडयंत्र में, दहशत की अंधेर..
कुचक्र में जीवन बीती, सफलता चाह अडिग.
शीशा बाज चोंच तोडी, व्यक्तित्व संदिग्ध..
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